V.I.P माँ गंगा जी पूजा एवं स्नान

माँ गंगा जी एकमात्र ऐसी नदी है जो तीनों लोकों में बहती है- स्वर्ग, पृथ्वी, तथा पाताल। इसलिए संस्कृत भाषा में माँ गंगा जी को “त्रिपथगा” (तीनों लोकों में बहने वाली) कहा जाता है।

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माँ गंगा जी नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है। शास्‍त्रों के अनुसार माना गया है कि महाराजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए कठोर तप किया था और धरती के पाप कम करने के लिए माँ गंगा जी को धरती पर लेकर आए थे।

माँ गंगा जी सभी के पापों को माफ करके जग का भार अपने ऊपर ले लेती हैं। माँ गंगा जी प्राणीमात्र को जीवनदान ही नहीं देती है, मुक्ति भी देती है।  इसी कारण भारत तथा विदेशों तक में माँ गंगा जी की महिमा गाई जाती है।

  •  गंगा जी ब्रह्मकुंड  “हर-की-पौड़ी”  (पुराणों के अनुसार ब्रह्मकुंड में ही अमृत की बूंदे गिरी थी)।

  •  माँ गंगा जी मुक्ति का मार्ग है।

  •  माँ गंगा जी नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है।

  •  मान्यता अनुसार गंगा जी में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है।

  •  लोग गंगा जी के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा रखते हैं तथा मृत्यु पश्चात गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं।

  •  गंगाजल को अमृत समान माना गया है।

  •  गंगा जी पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है।

  •  मान्यता है कि गंगा जी पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

  •  विधिविधान से गंगा जी पूजन करना अमोघ फलदायक होता है। गंगा जी स्नान करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।

  •  अमावस्या दिन गंगा जी स्नान और पितरों के निमित तर्पण व पिंडदान करने से सदगती प्राप्त  होती है, और यही शास्त्रीय विधान भी है।

  •  अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा जी से सीधा संबंध है मकर संक्राति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा जी में स्नान, दान एवं दर्शन करना अति महत्त्वपूर्ण समझा एंव माना गया है।

  •  समस्त V.V.I.P व्यवस्थाएँ।

  •  “हर-की-पौड़ी” पर कालीन के साथ विशेष व्यावहार/स्वागत।

  •  सर्वप्रथम पुश्तैनी पंडितों द्वारा सनातन धर्म के अनुसार पुर्ण धार्मिक रीति-रिवाज के साथ ब्रह्मकुंड हर की पौड़ी पर “गंगा जी स्नान”

  •  विशेष साधिकार (जिनको श्री गंगा जी सभा, हरिद्वार के द्वारा पूजा करवाने का विधिवत अधिकार प्राप्त है) पंडितों द्वारा विशेष विधि पूजा।

  •  “ब्रह्मकुंड” हर-की-पौड़ी (जहाँ पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी ने पूजा की थी। व अनेक गणमान्य लोग जहाँ पूजा करते हैं) पर विशेष विधि पूजा।

  •  विश्व प्रसिद्ध माँ श्री गंगा जी की आरती को देखने के लिये दुनियाँ भर से लोग आते हैं। आप माँ गंगा जी की आधिकारिक आरती में प्रथम पंक्ति में खड़े हो कर माँ गंगा जी की आरती का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।

  •  सभी धार्मिक अनुष्ठान/पूजा-पाठ पुश्तैनी पंडितों द्वारा सनातन धर्म के अनुसार ही संपन्न कराये जायेंगें।

  •  आपके एवं आपके समस्त परिवार के लिये सनातन धर्म के पूर्ण विधि-विधान द्वारा  “गंगा जल”  एवं  “पूजा प्रसाद”।

  •  Online/LIVE कनैक्टिविटी एवं रिकॉर्डिंग के लिए इन्टरनेट, कैमरा एवं अन्य व्यवस्थायें।

  •  आपके लिये Skype या अन्य माध्यम (आपके सुविधा अनुसार) के द्वारा “पूजा” की LIVE वीडियो टेलिकास्टिंग सीधे आप तक, जिसके द्वारा आप पंडित जी से और पंडित जी आपसे सीधे LIVE आमने-सामने संवाद/बात-चीत कर सकते हैं।

  •  आप अकेले, परिवार या समूह के साथ पूजा के साक्षी हो कर अपने घर/ कार्यालय/ क्लब/ कन्वेंशन सेंटर/ आदि में भगवान की भक्ति का आंनद ले सकते हैं।

  •  आप को रिकॉर्डिंग साझा करने के लिए पेन ड्राइव या अन्य माध्यम (आपके सुविधा अनुसार)।

  • “पूजा प्रसाद” आपके लिये आपके स्थान तक भेजा जायेगा।

  •  अगर आप चाहें तो हम आपके स्थान तक आपको “हर-की-पौड़ी  ब्रह्मकुंड” से पूजा द्वारा “अभिमंत्रित गंगाजल” भी प्रसाद के रूप में आपको भेज सकते हैं।

  •  पूजा के लिए 1 दिन।

  •  पूजा के लिए  श्री गंगा जी सभा, हरिद्वार  के द्वारा  हर-की-पौड़ी  पर पूजा करने के लिए अधिकृत 2 पुश्तैनी पंडित

  •  पूजा के लिए  समस्त पूजन सामग्री  एवं  प्रसाद

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